उन्हें आनंद जी का एक आम आदमी को थप्पड़ मारना अच्छा नहीं लगा. जो दोस्त कठिनाई में साथ देता है वही सच्चा दोस्त होता है। फिर क्या था पंचों ने अपना फैसला सुनाया कि सारे गवाहों और सबूतों को मद्दे नजर रखते हुए पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि https://lokhitkhabar.com/