यदि आपके पास फ़ोटो की लाइब्रेरी है, तो आप रास्ते में हैं कालान्तर में जैन धर्म दो सम्प्रदायों श्वेताम्बर एवं दिगम्बर में बँट गया। समाज स्पष्ट रूप से चार वर्णों; ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र, में बँटा था। वर्ण व्यवस्था कर्म के बदले जाति पर आधारित थी। यदि आप अगरबत्ती https://moneyideahindi.com/